Maharana Pratap & Rabindranath Tagore Jayanti 2019: Essay, Quotes, Status & Images.

Maharana Pratap & Rabindranath Tagore Jayanti 2019: Essay in Hindi, Quotes, Status & Images: True News India.

Maharana-pratap-singh-images-true-news-india
Maharana-Pratap-Singh-Images-Photo-Picture: True News India.

महाराणा प्रताप उदयपुर के राजपूत वंश के राजा थे। इन्होंने मुगलों को कई बार युद्ध में पराजित किया था, इसीलिए इतिहास में महाराना प्रताप सिंह वीरता के लिए अमर माने जाते हैं। महराणा प्रताप जी ने राजा मुगल बादशाह अकबर की अधीनता को कभी स्वीकार नहीं किया था।

महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap Singh) का जन्म 9 मई सन् 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था। इनके पिता एवं माता का नाम महाराणा उदय सिंह और महारानी जयवंता बाई था, महाराणा प्रताप के बचपन का नाम कीका था।

इतिहास के मताबित महाराणा प्रताप सिंह जी ने ११ शादियां (विवाह) किये थे जिससे उनकी 11 पत्निया थी, जिनके नाम निम्लिखित है.


महाराणा प्रताप ने 11पत्नियों के नाम-:
  • महारानी अजब्दे पवार
  • अमर बाई राठौर
  • शहमति बाई हाडा
  • आलम दे बाई चौहान 
  • रत्नावती बाई परमार
  • लखाबाई
  • जसो बाई चौहान
  • चंपा बाई जन्थी
  • सोलंखिनी पुर बाई
  • फूल बाई राठौर
  • खिचर आशाबाई 


  • महाराणा प्रताप सिंह जी ने भगवान एकलिंग की कसम खाकर प्रतिज्ञा ली थी कि जिंदगी भर उनके मुख से मुग़ल राजा अकबर के लिए सिर्फ तर्क ही निकलेगा। और वह कभी अकबर को अपना राजा नहीं स्वीकार करेंगे।


  • महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था तथा महाराणा प्रताप सिंह के पिता उदय सिंह अकबर के डर के कारण मेवाड़ त्याग कर अरावली पर्वत चले गए थे। उन्होंने उदयपुर को नई राजधानी बनाया था। मुगल सम्राट हिमायु का बीटा अकबर बिना युद्ध के ही महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap Singh) को अपने अधीन करना चाहता था।

  • इसीलिए अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिए अपने राजपूतों को उनके पास भेजा परन्तु महाराणा प्रताप ने अकबर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जिसका परिणाम स्वरूप ही हमे हल्दीघाटी के ऐतिहासिक युद्ध देखने को मिला।

  • इतिहासकार बताते है की महाराणा प्रताप का रक्षा कवच 72 किलोग्राम और उनका भाला 81 किलोग्राम का था। उनका भाला, कवच, ढाल और तलवार का वजन कुल मिलाकर लगभग 208 किलोग्राम का था।


महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap Singh) की मृत्यु।


  • यह विडंबनात्मक है की महाराणा प्रताप की मृत्यु पर मुग़ल राजा अकबर बहुत दुखी हुआ था, क्योंकि वह मन से महाराणा प्रताप सिंह के गुणों की प्रशंसा करता था। और वह यह भी कहता था कि महाराणा प्रताप जैसा वीर इस धरती पर दूसरा नहीं है। महाराणा प्रताप की मृत्यु का समाचार सुनकर अकबर महान हो गया था। और उसकी आंखों में आंसू भर आए थे।


Maharana Pratap Jayanti Quotes and Status in Hindi.

"मनुष्य का गौरव एवं आत्मसम्मा उसकी सबसे बङी कमाई होती है।अतः सदा इनकी रक्षा करनी चाहिए।" ~महाराणा प्रताप
समय इतना ताकतवर होता हैकि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।" ~महाराणा प्रताप सिंह 
हल्दीघाटी के युध्द ने मेरा सर्वस्व छीन लिया हो। परन्तु मेरा गौरव और शान और बढा दिया।" ~महाराणा प्रताप 
"सम्मान हीन मनुष्य एक मृत मनुष्य के समान है"

 Rabindranath Tagore Jayanti 2019.

rabindranath-tagore-images-true-news-india
Rabindranath-Tagore-Images-True-News-India

रबीन्द्रनाथ टैगोर जयंती- Rabindranath Tagore Jayanti 2019 in hindi

कवि रबिन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) का जन्मदिन हर साल टैगोर जयंती (Rabindranath Tagore Jayanti) के रूप में मनाई जाती है. इस दिन स्कूल और संगीत अकादमीओं में गीत संगीत और सामान्य ज्ञान प्रतियोगितायें होती हैं.  हर साल ‘रबिन्द्रनाथ टैगोर जयंती’ 7 मई को मनायी जाती है.


  • रबीन्द्रनाथ टैगोर ((Rabindranath Tagore) एक महान पुरुष, महान कवि और एक महान व्यक्तिव के व्यक्ति थे. रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म कलकत्ता में 7 मई 1861 एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता जी का नाम शारदा देवी. रबीन्द्रनाथ टैगोर बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा के धनी थे.



  • रबिन्द्रनाथ टैगोर जी को बचपन से ही कविता लिखने का शोक था तथा उन्होंने बचपन से ही कविता लिखना शुरु कर दिया था. उनके लिखने की शैली से उस समय के कवि, वैज्ञानिक और इतिहासकार बहुत ही प्रभावित थे यही कारण था की उनकी बचपन में लिखी हुई रचनायें उस समय की प्रसिद्द एवं जानी मानी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे.



  • रबीन्द्रनाथ टैगोर की शुरूवाती पढ़ाई लिखाई वर्तमान पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में हुई. उन्होंने स्कूल में निजी शिक्षकों से विभिन्न विषयों उचित शिक्षा और ज्ञान को उन्होंने प्राप्त किया जो की उनकी बचपन के दिनो लिखी कविता रचनाओं में भी देखने को मिलता है. रबीन्द्रनाथ टैगोर जी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड गये और अपने देश और यहाँ की गुरु शिष्य की परंपरा को वो इंग्लैंड में बहुत ज़्यादा मिस करने लगे. अतः यही कारण था की इंग्लैंड में उनका मन लगा नही और वहाँ की शिक्षा की पारंपरिक व्यवस्था से वो संतुष्ट नहीं हुए और भारत लौट आए.



रबीन्द्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय हिंदी में - Rabindranath Tagore Biography in hindi
रबीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) को बहुत सारे नामों से जाना जाता है. उनको रवीन्द्रनाथ ठाकुर, रोबिन्द्रोनाथ ठाकुर और गुरुदेव नाम से भी पुकारा जाता है. वो भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता है. वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति है और विश्व के एकमात्र कवि हैं जिन्होने 2 देशों के राष्ट्रगान लिखे हैं.
  • जन्म
  • 7 मई 1861
  • पिता
  • श्री देवेन्द्रनाथ टैगोर
  • माता
  • श्रीमति शारदा देवी
  • पत्नी
  • म्रणालिनी देवी
  • जन्म स्थान
  • कोलकाता
  • धर्म
  • हिन्दू
  • भाषा
  • हिन्दी , बंगाली, इंग्लिश
  • प्रमुख रचना
  • गीतांजलि
  • पुरुस्कार
  • नोबोल पुरुस्कार
  • म्रत्यु
  • 7 अगस्त 1941

Rabindranath Tagore Jayanti 2019 English Quotes.


“Clouds come floating into my life, no longer to carry rain or usher storm, but to add color to my sunset sky.”― Rabindranath Tagore.
 “I slept and dreamt that life was a joy. I awoke and saw that life was service. I acted and behold, service was a joy.” Quotation of ― Rabindranath Tagore
“The butterfly counts not months but moments, and has time enough.”― Rabindranath Tagore.

Rabindranath Tagore Jayanti Quotes in Hindi.

"आस्था वह पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करती है"। -रबीन्द्रनाथ टैगोर।

वह व्यक्ति जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में नहीं कह सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है। -रबीन्द्रनाथ टैगोर .


हर एक कठिनाई जिससे आप मुंह मोड़ लेते हैं,वह एक परछाई बन कर आपकी नींद में बाधा डालेगी। -रबीन्द्रनाथ टैगोर

Post a Comment

2 Comments



  1. Hello i am here to say a big thank you to my doctor DR OLU who helped me enlarge my penis.i have never had a happy relationship in my life because of my inability to perform well due to my small penis, due to frustration,i went online in search of solution to ending my predicament and than i came across testimony on how DR OLU has helped them, so i contacted him and he promised to help me with penis enlargement,i doubted at first but i gave him a trial and he sent me the product which i used according to his prescription and in less than a week,i saw changes in my penis and it grow to the size i wanted and since then,i am now a happy man and no lady complains again about my penis.if you also need the services of my doctor,you can also contact his whataspp is +2348140654426


    All thanks to you doctor olu







    ReplyDelete


  2. Hello i am here to say a big thank you to my doctor DR OLU who helped me enlarge my penis.i have never had a happy relationship in my life because of my inability to perform well due to my small penis, due to frustration,i went online in search of solution to ending my predicament and than i came across testimony on how DR OLU has helped them, so i contacted him and he promised to help me with penis enlargement,i doubted at first but i gave him a trial and he sent me the product which i used according to his prescription and in less than a week,i saw changes in my penis and it grow to the size i wanted and since then,i am now a happy man and no lady complains again about my penis.if you also need the services of my doctor,you can also contact his whataspp is +2348140654426


    All thanks to you doctor olu







    ReplyDelete