Birsa Munda Movement, Essay, Quotes, History & Biography in Hindi.

Birsa Munda Movement (आन्दोलन), Essay, Images Quotes, History & Biography in Hindi.

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बिरसा मुंडा का प्रारंभिक जीवन – Birsa Munda Biography & Information.



सुगना मुंडा (Birsa Munda) का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड प्रदेश के उलीहातू गाँव में हुआ था। साल्गा गाँव में प्रारम्भिक पढाई के बाद बिरसा मुंडा जी चाईबासा इंग्लिश मिडिल स्कूल में पढने आये। आप को बता दें की इनका मन हमेशा अपने समाज की ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था।



कौन थे बिरसा मुंडा? – Who was Birsa Munda?


बिरसा मुंडा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास 19 वी सदी में एक अहम जननायक के रूप में उभरे एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवादियों ने आजादी की बाद भारत की विविधताओं को जोड़ने का मुश्किल काम शुरु किया तो इसमें कुछ बाहर ही छूट गए। आदिवासियों द्धारा अपनी जमीन की लड़ाई की विरासत सदियों पुरानी है लेकिन अब व्यक्तिगत संघर्ष के किस्सेजब  इतिहास के किताबों से गायब हो चुके हैं लेकिन 19वीं सदी के विद्रोही नायक बिरसा मुंडा का जीवन एक अपवाद है जिनके नेतृत्व में मुंडा आदिवासियों ने मुंडाओं के महान आंदोलन उलगुलान को अंजाम दिया।

1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे और बिरसा और उसके चाहने वाले लोगों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था। अगस्त 1897 में बिरसा और उसके चार सौ सिपाहियों ने तीर कमानों से लैस होकर खूँटी थाने पर धावा बोला। आप को बता दें की बिरसा मुंडा जी को बचपन से ही तीर बाज़ी का बहुत सोक था.1898 में तांगा नदी के किनारे मुंडाओं की भिड़ंत अंग्रेज सेनाओं से हुई जिसमें पहले तो अंग्रेजी सेना हार गयी लेकिन बाद में इसके बदले उस इलाके के बहुत से आदिवासी नेताओं की गिरफ़्तारियाँ हुईं। जनवरी 1900 डोमबाड़ी पहाड़ी पर एक और संघर्ष हुआ था जिसमें बहुत से औरतें और बच्चे मारे गये थे।


उस जगह बिरसा मुंडा जी अपनी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। बाद में बिरसा के कुछ शिष्यों की गिरफ़्तारियाँ भी हुईं। अन्त में स्वयं बिरसा भी 3 मार्च 1900 को चक्रधरपुर में गिरफ़्तार कर लिये गये। बिरसा ने अपनी अन्तिम साँसें 9 जून 1900 को राँची कारागार में लीं। आज भी बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ और पश्चिम बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुण्डा को भगवान की तरह पूजा जाता है। बिरसा मुण्डा की समाधि राँची में कोकर के निकट डिस्टिलरी पुल के पास स्थित है।

बिरसा मुंडा आन्दोलन (Movement) का मुख्य व् आर्थिक उद्देश्य।

बिरसा आन्दोलन का आर्थिक उद्देश्य था दिकू जमींदारों (गैर-आदिवासी जमींदार) द्वारा हथियाए गए आदिवासियों की कर मुक्त भूमि की वापसी जिसके लिए आदिवासी लम्बे समय से संघर्ष कर रहे थे. मुंडा समुदाय सरकार से न्याय पाने में असमर्थ रहे. इस असमर्थता से तंग आ कर उन्होंने अंग्रेजी राज को समाप्त करने और मुंडा राज की स्थापना करने का निर्णय लिया. वे सभी ब्रिटिश अधिकारीयों और ईसाई मिशनों को अपने क्षेत्र से बाहर निकाल देना चाहते थे. बिरसा मुंडा ने एक नए धर्म का सहारा लेकर मुंडाओं को संगठित किया. उनके नेतृत्व में मुंडाओं ने 1899-1900 ई. में विद्रोह किया.
Video Credit: Study Corner

बिरसा की मृत्यु के बाद बिरसा मुंडा आन्दोलन (Birsa Munda Movement) शिथिल पड़ गया. बिरसा के तीन प्रमुख सहयोगियों को फाँसी की सजा दी गई. अनेक मुंडाओं को जेल में डाल दिया गया. परिणामस्वरूप बिरसा मुंडा आन्दोलन विफल हो गया. आदिवासियों को इस आन्दोलन से तत्काल कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ परन्तु सरकार को उनकी गंभीर स्थिति पर विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ा. आदिवासियों की जमीन का सर्वे करवाया गया. 1908 ई. में  ही छोटानागपुर काश्तकारी कानून (Chotanagpur Tenancy Act, 1908) पारित हुआ. मुंडाओं को जमीन सम्बंधित कई अधिकार मिले और बेकारी से उन्हें मुक्ति मिली. मुंडा समुदाय आज भी बिरसा को अपना भगवान् मानता है.

Birsa Munda Quotes in Hindi.

"एक सैनिक का नैतिक धर्म यही होता है, देश के लिए क़ुर्बान को जाना"- बिरसा मुंडा 
"जितना मैं आदिवासी समाज के उथ्थान के लिए चिंतित हूँ, उससे दुगना समाज मेरे लिए चिंतित है".
"यदि हमे देश का वास्तविक विकास करना है तो, हमे सभी धर्म व्  जाती के लोगो को साथ लेकर चलना होगा'.  

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5 Comments

  1. HELLO EVERYONE.. FEW MUNINETS TO REDY THIS INFOR ON HERPES CURE 2018..
    2017 MY MOTHER WAS DIAGNOSED OF HERPES/ KNOWN AS GENITAL WARTS ,I SPENT A LOT OF MONEY ON HER MEDICATION TILL A POINT I EVEN LOST HOPE,BECAUSE MY MOTHER WAS GRADUALLY DYING AND LOST HER MEMORY TOO, I WAS SO DESPERATE TO GET MY MOTHER BACK TO NORMAL, ONE DAY MY UNCLE WHO LIVES IN LONDON UNITED KINGDOM TOLD ME ABOUT DR OLIHA ,WHO HELPED HIM GET RID OF HERPES /GENITAL WART WITH HERBAL MEDICINE AND HIS HERBAL SOAP ,I WAS SO SHOCKED WHEN HE TOLD ME ABOUT THIS ,ALTHOUGH I NEVER BELIEVE IN HERB BUT, I KEEP TO BELIEVE BECAUSE MY UNCLE CAN'T TELL ME LIES WHEN IT COMES TO HEALTH CONDITION I CONTACTED DR OLIHA VIA HIS EMAIL; OLIHA.MIRACLEMEDICINE@GMAIL.COM , YOU CAN TALK TO HIM VIA CALL OR WHATSAPP MESSENGER ON +2349038382931 , HE REPLIED AND ASK ME TO SEND MY HOME ADDRESS AND MY MOTHER'S DETAIL AND THEN I PURCHASED THE HERBAL MEDICINE,SENT ME THE HERBAL MEDICINE THROUGH COURIER SERVICE, WHEN I RECEIVED THIS HERBAL MEDICINE USED IT FOR 2 WEEKS, AND 4 DAYS OF USAGE THE WARTS FELL OFF, MY MOTHER I NOW TOTALLY CURED AND MY MOTHER IS LIVING FREE AND HAPPY AGAIN. YOU CAN TALK TO DR VIA HIS MOBILE NUMBER OR WHATS APP HIM ON +2349038382931.ALL THANKS TO DOCTOR DR OLIHA  

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  4. आपने बहुत अच्छा लेख साझा किया है, इसके लिए धन्यवाद।

    amazing information thanks

    Biology Question In Hindi

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